जाखू मंदिर, शिमला || jakhu temple shimla

जाखू मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जो समुद्र तल से 8,048 फीट की ऊंचाई पर जाखू पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह भगवान हनुमान को समर्पित एक अत्यंत पवित्र मंदिर है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता वर्ष 2010 में स्थापित की गई 108 फीट ऊंची हनुमान जी की विशाल प्रतिमा है,और शिमला के किसी भी कोने से दिखाई देती है।

jakhu mandir shimla

जाखू मंदिर की सबसे दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण विशेषता यहां निवास करने वाले सैकड़ों बंदरों का झुंड है। ये बंदर न केवल अत्यंत बुद्धिमान और चतुर हैं, बल्कि श्रद्धालुओं के साथ एक अनोखा खेल खेलते रहते हैं। इनकी विशेषता यह है कि ये पर्यटकों का सामान – चाहे वो बैग हो, चश्मा हो, टोपी हो या फिर मोबाइल फोन – बड़ी चालाकी से छीन लेते हैं।

बंदरों की अनोखी व्यापारिक बुद्धि

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इन बंदरों की सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि ये श्रद्धालुओं का सामान छीनकर खाने की चीज़ों का इंतज़ार करते हैं। यदि आप इन्हें खाने को कुछ दे देते हैं, तो ये तुरंत आपकी वस्तु वापस कर देते हैं! यह प्राकृतिक व्यापार का एक अनूठा उदाहरण है जो केवल जाखू मंदिर में ही देखने को मिलता है।

मंदिर प्रशासन की ओर से पर्यटकों की सुविधा के लिए मुख्य द्वार पर छड़ियां उपलब्ध कराई जाती हैं, जो बंदरों से बचाव में सहायक होती हैं। हालांकि, सलाह यही दी जाती है कि बंदरों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न करें और अपना सामान सुरक्षित रखें।

स्थानीय लोगों का मानना है कि ये बंदर हनुमान जी के दूत हैं और इनकी उपस्थिति मंदिर की पवित्रता को बढ़ाती है। मंदिर से शिमला शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है और यहां से सूर्योदय और सूर्यास्त के नजारे अत्यंत मनमोहक होते हैं। मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 1.5 किलोमीटर की चढ़ाई करनी पड़ती है, जो एक रोमांचक अनुभव प्रदान करती है।

जाखू मंदिर का इतिहास || History of Jakhu Temple 

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जाखू मंदिर (jakhu temple) का इतिहास रामायण काल से जुड़ा हुआ है और यह एक अत्यंत रोचक पौराणिक कथा पर आधारित है। जब रावण और राम के युद्ध के दौरान मेघनाद के तीर से लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे, तब वैद्यराज सुषेण की सलाह पर हनुमान जी को हिमालय से संजीवनी बूटी लाने का कार्य सौंपा गया था। संजीवनी की खोज में जाते समय हनुमान जी ने रास्ते में ‘याकू’ नामक ऋषि को पहाड़ी पर तपस्या करते देखा और उनसे संजीवनी के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। जब हनुमान जी इस पहाड़ी पर उतरे तो उनके भार से पूरी पहाड़ी आधी से अधिक जमीन में धंस गई। ऋषि को वापस आने का वचन देकर हनुमान जी संजीवनी लेने चले गए, लेकिन रास्ते में कालनेमी राक्षस से युद्ध के कारण विलंब हो गया और वे ऋषि के पास वापस नहीं जा सके। इस पर चिंतित ऋषि को खुश करने के लिए हनुमान जी अचानक प्रकट हुए और अपना विग्रह बनाकर अदृश्य हो गए। ऋषि याकू ने हनुमान जी की स्मृति में इसी स्थान पर मंदिर का निर्माण करवाया। समय के साथ इस पहाड़ी का नाम ऋषि ‘याकू’ के नाम पर पड़ा, जो बाद में ‘यक्ष’ से ‘याक’, फिर ‘याखू’ और अंत में ‘जाखू’ में बदल गया। आज भी इस मंदिर में हनुमान जी के पवित्र चरण चिन्ह संगमरमर में उकेरे गए हैं और संरक्षित किए गए हैं, जिन्हें देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक आते रहते हैं।

जाखू मंदिर कैसे पहुंचें, शिमला || How to Reach Jakhoo Temple, Shimla

जाखू मंदिर शिमला का सबसे प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और यहां तक पहुंचना बेहद आसान है। शिमला बस स्टैंड से जाखू मंदिर की दूरी 3.4 किलोमीटर है, जबकि शिमला रेलवे स्टेशन से यह केवल 3.2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मंदिर तक पहुंचने के लिए कई विकल्प उपलब्ध हैं, जो विभिन्न बजट और समय की आवश्यकताओं के अनुकूल हैं।

jakhu mandir shimla

रोपवे – सबसे लोकप्रिय और आसान विकल्प

रोपवे द्वारा जाखू मंदिर पहुंचना सबसे बेहतरीन अनुभव है। यह सेवा द रिज (The Ridge) से शुरू होती है और केवल 5 मिनट में आपको सीधे मंदिर तक पहुंचा देती है। रोपवे की टिकट की कीमतें निम्नलिखित हैं:

• वयस्क एक तरफ: ₹252, दोनों तरफ: ₹467 • बच्चे (3-12 वर्ष) एक तरफ: ₹200, दोनों तरफ: ₹381
• 3 वर्ष से कम उम्र के बच्चे निःशुल्क • सभी टिकटों पर 5% जीएसटी अलग से लगता है

रोपवे सुबह 9:30 बजे से सूर्यास्त तक चलती है। इस यात्रा के दौरान आपको शिमला की पहाड़ियों और घने जंगलों का मनोरम दृश्य देखने को मिलता है।

टैक्सी सेवा

टैक्सी द्वारा जाखू मंदिर पहुंचना एक आरामदायक विकल्प है। आप शिमला के किसी भी स्थान से टैक्सी बुक कर सकते हैं। द रिज या मॉल रोड से टैक्सी का किराया लगभग ₹300 है, बस स्टैंड (ISBT) से ₹300-500 के बीच, और रेलवे स्टेशन से ₹250-400 तक का खर्च आता है। टैक्सी से 15-20 मिनट में आप मंदिर के मुख्य द्वार तक पहुंच सकते हैं।

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साझा टैक्सी

यदि आप बजट में यात्रा करना चाहते हैं तो साझा टैक्सी एक अच्छा विकल्प है। यह सेवा द रिज से उपलब्ध होती है और प्रति व्यक्ति केवल ₹20-25 का खर्च आता है। हालांकि, यह सेवा बहुत सीमित है और तुरंत भर जाती है, इसलिए धैर्य रखना पड़ता है।

एस्केलेटर सुविधा

मंदिर पहुंचने के बाद, मुख्य द्वार से हनुमान प्रतिमा तक जाने के लिए एस्केलेटर की सुविधा उपलब्ध है। इसका टिकट मूल्य लगभग ₹20-30 प्रति व्यक्ति है। यह सुविधा विशेष रूप से बुजुर्गों और छोटे बच्चों के लिए बहुत उपयोगी है, क्योंकि मंदिर परिसर के भीतर ऊपरी भाग तक पहुंचना आसान हो जाता है।

पैदल यात्रा

यदि आप फिट हैं और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेना चाहते हैं, तो पैदल यात्रा एक बेहतरीन विकल्प है। द रिज या मॉल रोड से लगभग 1.5-2 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। यह यात्रा 45 मिनट से 1 घंटे तक का समय लेती है और इसमें खड़ी चढ़ाई है, इसलिए कठिनाई का स्तर मध्यम से कठिन माना जाता है। इस विकल्प का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बिल्कुल निःशुल्क है।

महत्वपूर्ण जानकारी

रोपवे का टिकट काउंटर द रिज के पास स्थित है। ध्यान रखें कि सभी किराये मौसम और मांग के अनुसार बदल सकते हैं। मंदिर में बंदरों से सावधान रहें और अपना सामान संभालकर रखें। मंदिर में एस्केलेटर की सुविधा मुख्य द्वार से प्रतिमा तक उपलब्ध है, जो यात्रा को और भी आरामदायक बनाती है।

जाखू मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय || Best Time to Visit Jakhu Temple

jakhu mandir shimla

गर्मियां (मार्च से जून):

  • तापमान: 15°C से 30°C
  • फायदे: साफ मौसम, बेहतरीन दृश्यता

मानसून (जुलाई से सितंबर):

  • तापमान: 10°C से 25°C
  • फायदे: हरियाली, कम भीड़

सबसे अच्छा समय: मार्च से जून और सितंबर से नवंबर

जाखू मंदिर के पास स्थित प्रमुख तीर्थ स्थल || Major Pilgrimage Sites Located Near jakhu Temple

  1. काली बाड़ी मंदिर – 6.6  किमी
  2. संकट मोचन मंदिर – 10 किमी
  3. तारा देवी मंदिर – 20 किमी
  4. धिंगू माता मंदिर – 4.5 किमी

शिमला के अन्य आकर्षण:

  • द रिज 
  • मॉल रोड 
  • क्राइस्ट चर्च 
  • स्कैंडल पॉइंट 

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