मायोंग का सच – जहाँ मंत्रों से बदल जाते थे इंसान

काला जादू की राजधानी

मायोंग को भारत की "काला जादू की राजधानी" कहा जाता है। मायोंग गांव भारत के असम राज्य के मोरीगांव जिले में स्थित है, ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे

महाभारत से जुड़ा मायोंग का रहस्य 

माना जाता है कि भीम का पुत्र घटोत्कच यहीं तंत्र विद्या सीखता था।

कामाख्या की ओर उड़ते तांत्रिक 

कहते हैं अंबुवाची पर्व पर कुछ सिद्ध तांत्रिक हवा में उड़ते हुए कामाख्या पहुँचते हैं।

मंत्र पढ़ा और इंसान बना बकरा

कहते हैं,मायोंग के तांत्रिक इतने सिद्ध थे कि मंत्र पढ़कर इंसानों को बकरा या पक्षी बना देते थे।

मायोंग की तांत्रिक महिलाएं 

मायोंग की तांत्रिक महिलाएं पूजा से पहले पतियों के कानों में रुई ठूंस देती थीं, ताकि वे उनके शक्तिशाली मंत्रों से प्रभावित न हो जाएं। 

नरबलि का विधान 

प्राचीन समय में मायोंग में तंत्र साधनाओं के लिए नरबलि दी जाती थी। सिद्धियाँ पाने के लिए मानव बलिदान एक आम रिवाज था।  

गुप्त तंत्र की धरती – मायोंग

आज भी मायोंग में तांत्रिक साधनाएं गुप्त रूप से जारी हैं। लोग तंत्र-मंत्र की रहस्यमयी विद्या सीखने के लिए यहाँ आते हैं।

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