स्थान: कामाख्या मंदिर, गुवाहाटीहर साल अंबुबाची मेला जून के अंत में मनाया जाता है।2025 में यह मेला 22 जून से 26 जून तक आयोजित होगा।
मंदिर क्यों हो जाता है बंद?
2025 22 जून की शाम से —मंदिर में पूजा-पाठ पूरी तरह बंद। देवी के मासिक धर्म के कारण 3 दिन विश्राम।
हज़ारों की संख्या में पहुँचते हैं तांत्रिक
इन तीन दिनों में शाक्त शक्तियाँ चरम पर होती हैं और सिद्धियाँ पाना बेहद आसान हो जाता है।
बलि प्रथा अभी भी जीवित है
देवी को प्रसन्न करने के लिए भैंसे, बकरे, और मुर्गों की बलि दी जाती है। तंत्र सिद्धियों के लिए मांस, मदिरा, मुद्रा और मैथुन जैसे पंचमकार का प्रयोग किया जाता है।
साल में एक बार मिलता है ये चमत्कारी प्रसाद!
25 जून की सुबह —मंदिर फिर से खुलता है।और अंगवस्त्र (लाल वस्त्र) वितरित होता हैं। यह वस्त्र तांत्रिक सिद्धियों, रोगों और बाधाओं को दूर करने में सहायक होता है।
जिसे माँ ने बुलाया, वो लाखों में शामिल होकर आया!
हर साल अंबुबाची मेले में 10 से 30 लाख श्रद्धालु माँ कामाख्या का आशीर्वाद पाने आते हैं।
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