भारत के वे मंदिर जहाँ होती थी नरबलि |

कामाख्या मंदिर – गुवाहाटी, असम

 प्राचीन काल में माना जाता है कि कुछ तांत्रिक अनुष्ठानों में नरबलि दी जाती थी। आज यहाँ केवल पशुबलि (मुख्यतः बकरा) दी जाती है।

ताम्रेश्वरी मंदिर – सदिया, असम

– ऐतिहासिक सूत्रों और ब्रिटिश रिकॉर्ड के अनुसार, यहाँ नरबलि दी जाती थी। बलि देने वालों के कपड़े और हड्डियाँ मंदिर के पास पाए गए थे।

कोडुंगलूर कुरुम्बा कावु मंदिर – केरल

 पुराने समय में यहाँ तांत्रिकों द्वारा नरबलि की परंपरा मानी जाती थी। मंदिर में आज भी विशिष्ट पूजा पद्धति है, लेकिन नरबलि अब नहीं होती।

थिरुनेल्ली मंदिर – वायनाड, केरल

यह विष्णु मंदिर पितृ पूजा और मोक्ष साधना का केंद्र है,  लेकिन इसके आसपास नरबलि और पिशाचबलि की प्राचीन किवदंतियाँ भी जुड़ी हैं। 

केडारगौरी मंदिर – भुवनेश्वर, ओडिशा

यह मंदिर केदार (शिव) और गौरी (पार्वती) को समर्पित है।  पहले यहाँ तांत्रिक अनुष्ठानों में नरबलि दी जाती थी,  जिसे बाद में प्रतीक रूप में कद्दू से बदल दिया गया।

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