हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के हरत गाँव में पहाड़ की तलहटी पर स्थित मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क (Mohan Shakti National Heritage Park) भारतीय संस्कृति का एक सुंदर प्रतीक है। यह उत्तर भारत (North India) का पहला प्राचीन हेरिटेज पार्क माना जाता है। यह पार्क लगभग 40 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है और पहाड़ी की ऊँचाई से नीचे फैली घाटी और हिमालय की तलहटी का बेहद खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है।

इस पार्क की स्थापना सेवानिवृत्त भारतीय सेना के ब्रिगेडियर कपिल मोहन (पद्मश्री) ने की, जो प्रसिद्ध मोहन मीकिन शराब कंपनी के वारिस हैं। कपिल मोहन ने इसे वैदिक विज्ञान व भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार करने के लिए बनाया।
मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क की स्थापना और इतिहास

इस पार्क का उद्घाटन 1 दिसंबर 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था। इसके निर्माण में लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आई और काम में करीब 12 वर्ष लगे। यह स्थान उत्तर भारत का पहला आधुनिक विरासत परिसर माना जाता है, जिसे युवा पीढ़ी को वैदिक ज्ञान और भारतीय परंपराओं से परिचित कराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है।
मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क के मुख्य आकर्षण

पार्क के परिसर में एक विशाल मंदिर है, जिसके प्रवेश मार्ग पर दो बड़े ‘ॐ’ चिन्ह बने हुए हैं और इसकी चोटी पर सात घोड़ों वाले रथ में सूर्य देव की भव्य प्रतिमा स्थापित है। मंदिर की दीवारों पर वेदों, रामायण और महाभारत से संबंधित कथाओं के दृश्य नक़्क़ाशी के रूप में उकेरे गए हैं। पार्क में देवी-देवताओं की विशाल मूर्तियों के साथ-साथ हाथी, शेर, बाघ, मोर एवं नदी डॉल्फिन जैसी जीवन-आकार की मूर्तियाँ भी देखने को मिलती हैं। इन मूर्तियों को प्लास्टर ऑफ पेरिस से तैयार किया गया है, जिससे वे जीवंत लगती हैं।
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हेरिटेज पार्क की सुविधाएँ और यात्रा व्यवस्था

पार्क के चारों ओर हरियाली से भरे सुंदर बगीचे, फव्वारे और रंग-बिरंगे फूलों के उद्यान हैं। परिसर में थीम पार्क और अध्ययन केंद्र बने हुए हैं। यहाँ हर्बल थेरेपी सेंटर और सामुदायिक रसोई जैसी सुविधाएँ भी मौजूद हैं। खुले मंच (ओपन थिएटर) और अध्ययन केंद्र पर्यटकों और विद्यार्थियों के लिए खास आकर्षण हैं। पार्क में एक रोपवे (केबल कार) भी है, जिससे पहाड़ियों और घाटियों के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं। पर्यटन के मौसम और छुट्टियों के दौरान यहाँ काफी भीड़ रहती है, इसलिए सप्ताह के बीच या सुबह के समय आना बेहतर रहता है।
मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क तक पहुँचने का मार्ग और यात्रा जानकारी

यह पार्क सोलन शहर से लगभग 15 किलोमीटर उत्तर दिशा में और सालोगरा (राष्ट्रीय राजमार्ग-22) से करीब 7 किलोमीटर दूर स्थित है। शिमला से इसकी दूरी लगभग 40 किलोमीटर और चंडीगढ़ से करीब 85 किलोमीटर है। यहाँ तक पहुँचने के लिए नियमित बस सेवा उपलब्ध है, साथ ही निजी वाहन से भी आसानी से पहुँचा जा सकता है।
पार्क आमतौर पर सुबह 7 बजे से शाम 8 बजे तक खुला रहता है और प्रवेश बिल्कुल नि:शुल्क है। यहाँ व्हीलचेयर की सुविधा, साफ-सुथरे प्रसाधनालय और कैफेटेरिया जैसी ज़रूरी व्यवस्थाएँ मौजूद हैं। अंतिम कुछ किलोमीटर का रास्ता थोड़ा संकरा है, इसलिए सुबह के समय या दोपहर से पहले पहुँचना बेहतर रहता है।
मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता का एक अद्भुत मेल है। यहाँ की विशाल मूर्तियाँ, पौराणिक कथाओं से प्रेरित कलाकृतियाँ और चारों ओर फैली हरियाली मिलकर हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाती हैं। यह जगह हर यात्री को भारतीय इतिहास, कला और धर्म की गहराई से जुड़ा अनुभव कराती है।
मोहन शक्ति नेशनल हेरिटेज पार्क के पास स्थित प्रमुख तीर्थ स्थल:
- शूलिनी देवी मंदिर
- काली का टिब्बा – Chail
- जाटोली शिव मंदिर
- लुटरू महादेव मंदिर
